हिन्दू देवी देवताओं का अश्लीलता पूर्वक अपमान
वीथी विरुधु विजाह नाम का एक लोक उत्सव चेन्नई के लोयोला कोलेज में मनाया गया और उसमें अभिव्यक्ति की आजादी का बलात्कार कर दिया गया
जी हाँ !! बलात्कार ! बलात्कार की परिभाषा यही तो है की किसी भी चीज का भोग उसकी सीमा से अधिक जाकर करना, उसकी इच्छा उसकी हद से अधिक जबरदस्ती करना
चन्नई में वामपंथ और ईसाई मिशनरी बहुत हावी है यह बात जानकारों से तो नहीं छुप्पी हुई है परन्तु देखकर, जानकर भी शुतुरमुर्ग बने हुए लोगों की खोपड़ियों को धरती से निकालकर उन्हें समझाने का समय आ गया है
एम् ऍफ़ हुसैन का नाम तो सुना ही होगा आपने, उसने जो सीमा अभिव्यक्ति की आजादी की पार की थी आज उसी तरह का कुकृत्य वीथी विरुधु विजाह उत्सव के दौरान लोयोला कोलेज में हुआ है
सहिष्णु कौम हिन्दुओं के देवी देवताओं पर अश्लील पेंटिंग बनाकर इस कोलेज में प्रस्तुत की गई है पेंटिंग इस तरह की निचले स्तर की है लिखते हुए भी शर्म आती है
एक पेंटिंग में हिन्दुओं के साहस के प्रतीक त्रिशूल को लड़की की योनी में घुसाया हुआ है
एक पेंटिंग में त्रिशूल को कोंडम पहना रखा है
एक पेंटिंग में भारत माता के प्रतीकात्मक चित्र पर वीर्य गिरते दिखाया है (चित्र में स्पर्म के मुहं की जगह टेलीकोम कम्पनियों के लोगो है )
बाकि पेंटिंग में त्रिशूल और हिन्दुओं को हत्यारा सिद्ध किया गया है
बाकि कुछ राजनीती से प्रेरित है
आश्चर्य का विषय यह है की इस पर बीजेपी के आलावा किसी भी राजनैतिक सन्गठन ने आपति नही जताई बल्कि सीपीएम जैसी पार्टियों के पदाधिकरियों ने इसे कला बताते हुए इसका पक्ष ले लिया है
क्या यही है अभिव्यक्ति की आजादी, क्या इस आजादी का पैमाना यह है की अभिव्यक्ति प्रस्तुत करते हुए आप किसी भी मत मजहब की भावनाओं का अनादर ही नही बलात्कार तक कर डालों ?
चार्ली हेब्दों की पेंटिंग पर आप यहाँ तक उतेजित हो जाते हो की यह तथाकथित शांतिप्रिय सम्प्रदाय उस चार्ली हेब्दों के जीवन में पूर्णकालिक शांति कर देता है, तब आप शांतिप्रिय के कार्य को उचित ठहराते हुए चार्ली हेब्दों की अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रश्न उठाते हो, परन्तु जब यही कार्य हिन्दुओं के देवी देवताओं पर किया जाता है तो आप इसे अभिव्यक्ति की आजादी कहते हो
यह दोगलापन कहाँ से आ जाता है ?
क्या अभिव्यक्ति की प्रस्तुती करते हुए किसी भी हद तक चले जाओगे ? इसका हक आपको कौनसा संविधान देता है ? यदि इस कृत्य को अभिव्यक्ति की आजादी करार दिया गया तो विश्वास कीजिये कई चार्ली हेब्दो पैदा होंगे जो बिन बाप के पैदा हुए संतानों को भी अभिव्यक्ति की आजादी के तहत नंगा कर देंगे
वामपंथ इस देश में हद से अधिक हावी हो चूका है यदि अब समय रहते इसे इसी की भाषा में जवाब नही दिया गया तो विश्वास कीजिये यह आपके घरों में घुसकर आपको ही बाहर निकाल देगा