Tag Archives: kuraan me jannt me sundari achhuti aurato gilmao ka paralobhan

कुरआन में जन्नत अर्थात् स्वर्ग में सुन्दरी अछूती औरतों, गिलमों अर्थात् लोंडों व शराब आदि का प्रलोभन

यह एक ऐतिहासिक सत्य है कि कुरान शरीफ की रचना इस्लाम मत के आदि प्रवर्तक हजरत मौहम्मद साहब ने खुदा की ओर से मक्का और उसके आस-पास के रहने वालों को दोजख आदि के भय एवं जन्नत अर्थात् स्वर्ग में सुन्दरी अछूती औरतों, गिलमों अर्थात् लोंडों व शराब आदि का प्रलोभन देकर इस्लाम में लाने के लिए अरबी जुबान में की थी। यह बात कुरान के अन्दर खुले शब्दों में कही गई है, देखो- कुरान मजीद पारा ७ सूरा अन्आम रूकू ११ आयत १२, कुरान मजीद पारा २५ सूरा शूरा रूकू १ आयत ७, कुरान मजीद पारा २५ सूरा जुखरूफ रूकू १ आयत ४, कुरान मजीद पारा १२ सूरा यूसुफ रूकू १ आयत २, तथा हमारे १७६ प्रश्न व उनके आलोच्य स्थल, कुरान हजरत मौहम्मद साहब की ही रचना है इस विषय में उनके ही शब्द इसे प्रमाणित करते हैं देखो- कुरान मजीद पारा १० सूरा तौबा रूकू ५ आयत ३०, कुरान मजीद पारा ११ सूरा हूद रूकू ५ आयत ३५ कुरान मजीद पारा ३ सूरा बकर रूकू ३३ आयत २५२ कुरान मजीद पारा २६ सूरा अहकाफ रूकू २ आयत ८ से ११, इस पर भी कुरान का दवा है कि- ‘‘कुरान खुदाई किताब है’’ और उसमें जो कुछ भी लिखा है वह सब सत्य है देखो- कुरान मजीद पारा २४ सूरा हामीम सज्दह रूकू ५ आयात ४२, कुरान मजीद पारा १५ सूरा कहाफ रूकू १ आयत १, मौजूदा कुरान असली है या नकली? इसकी जाँच की भी एक कसौटी कुरान में दे दी गई है कि- ‘‘जिस कुरान से मुर्दें जिन्दा होकर बोलने लगें जमीन के टुकड़े हो जावें और पहाड़ चलने लगें’’ बस! वही असली सच्चा कुरान होता है देखो – कुरान मजीद पारा १३ सूरा राद रूकू ४ आयत ३१, कुरान मजीद पारा २८ सूरा हशर रूकू ४ आयत २१, किन्तु इस पक्की कसौटी पर भी कुरान पूरा खरा नहीं उतरता है। अतः मौजूदा कुरान असली साबित नहीं होता है। देखिऐ कुरान में लिखा है कि- आसमान में ओलों के पहाड़ जमे हुए हैं। कुरान मजीद पारा १८ सूरा नूर रूकू ६ आयत ४३, आसमान जमीन पर गिरने से रूका हुआ है- कुरान मजीद पारा १७ सूरा हज्ज रूकू १ आयत ६५ सूरज और चाँद जमा किये जायेंगे। कुरान मजीद पारा २९ सूरा कयामत रूकू २ आयत १, आसमान की खाल खींची जावेगी। कुरान मजीद पारा ३० सूरा तकवीर रूकू २ आयत ११, आसमान कागज की तरह लपेटा जायेगा। कुरान मजीद पारा १७ सूरा अम्बिया रूकू ७ आयत १०४, सूरज काली कीचड़ के तालाब में डूबता है। कुरान मजीद पारा १६ सूरा कहफ रूकू ११ आयत ८६, कुरान के इन ऊट पटागं अनेक स्थलों को देखकर हमारे मन में यह बात पैदा हुई कि कुरान के बुद्धि विरूद्ध, विज्ञान विरूद्ध सृष्टि नियम तथा इतिहास विरूद्ध साथ ही परस्पर विरूद्ध कुछ स्थलों को मय समीक्षा के पुस्तकाकार प्रस्तुत करें उन पर अपनी शंकाओं को प्रश्नों के रूप में पेश करके संसार के कुरान मर्मज्ञों को समाधान के लिए आह्नान करें। हमने सैकड़ों ऐसे स्थलों में से केवल नमूने के रूप में १७६ स्थल ही इस पुस्तक में संग्रहीत किये हैं इतने मात्र से ही कुरान की स्थिति स्पष्ट हो जावेगी। पुस्तक में दी गई विषय से उन स्थलों के शीर्षक का पता लग जावेगा। प्रश्नाली मे १७६ प्रश्नों के नम्बर के क्रमानुसार ही आलोच्य स्थलों को भी साथ-साथ दिया गया है। कुरान अरबी सभ्यता का ग्रन्थ है। उसका निर्माण केवल अरब वालों के लिए ही हुआ था। यह बात स्वयं कुरान में ही लिखी गई है। उसमें ईश्वरीय ज्ञान की कोई भी बात हमको नहीं मिल सकी है। हम चाहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति जो भी कुरान को पढ़े वह अन्धविश्वास को त्याग कर खुले दिल-ओ-दिमाग से पढ़े और सच्चाई को ग्रहण करे। क्योंकि अन्ध-विश्वास के साथ किसी भी बात को बिना परीक्षा के मानने से सच्चाई से दूर भागना होता है। आशा है इस पुस्तक को पढ़कर कुरान के विद्वान हमारे प्रश्नों पर गम्भीरता पूर्वक विचार करके समुचित उत्तर देने का कष्ट करेंगे अथवा सच्चाई को स्वीकार करेंगे। (कासगंज-उ.प्र.) निवेदक- ‘‘डाक्टर श्रीराम आर्य’’ (प्रश्नकर्ता एवं समीक्षक)