खुदा ने व्यभिचार के लिए औरतें भेंट की
क्या खुदा का पेशा जिनाखोरी अर्थात् व्यभिचार के लिये ओरतें पहुंचाना भी है? खुदा ने चचाजात व बुआजात बहिनों से शादी करना सभी मुसलमानों के लिए जायज क्यों नहीं किया? केवल मुहम्मद के साथ पक्षपात क्यों किया। क्या अय्याशी के लिये लोंडियां अब भी मुसलमानों को खुदा (supply) अर्थात् पेश करता है?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
या अय्युहन्नबिय्यु इन्ना अह्लल्ना………….।।
(कुरान मजीद पारा २१ सूरा अहजाब रूकू ६ आयत ५०)
ऐ पैगम्बर! हमने वह बीबियाँ तुझ पर हलाल की जिनको मेहर तू दे चुका है और लोंडियाँ जिन्हें अल्लाह तेरी तरफ लाया और तेरे चचा की बेटियाँ और तेरी बूआ की बेटियाँ जो तेरे साथ देश त्याग कर आई हैं और वह मुसलमान औरतें जिन्होंने अपने को पैगम्बर के लिए दे दिया ।
बशर्ते कि पैगम्बर भी उनके निकाह करना चाहे। यह हुक्म खास तेरे लिए है सब मुसलमानों के लिये नहीं।
समीक्षा
इसमें खुदा औरतों और लोंडियों को मुहम्मद के पास लाया ताकि वह उनको भोग सके खुदा ने खास रियायत मुहम्मद पर की थी। अच्छा होता यदि यही रियायत सभी मुसलमानों को भी दे दी जाती। खुदा जिना अर्थात् दुराचार के लिए औंरते भी supply करता है यह कुरान की बढ़िया बात है।
मुहम्मद साहब को जिन्दगी में औंरतों का पूरा-पूरा आनन्द खुदा देता रहा था। औरतें यदि उनसे सन्तुष्ट ने होकर बदकारी औरों के साथ करती थीं तो खुदा घरेलू मैनेजर की तरह उनको डाँटता भी रहता था जैसा कि पीछे दिखाया भी जा चुका है। देखो पूर्व दिया गया प्रश्न नं० १२२ जिसमें इस विषय पर पर्याप्त प्रकाश डाला गया है।