खुदा ने गुमराह किया
बतावें कि गुमराह करने वाला खुदा मुल्जिम क्यों नहीं है और जिसे उसने गुमराह किया उसें दोषी मानना अन्याय क्यों नहीं है?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
अ-फ-रऐ-त-मनित्त-ख-ज इलाहहू…………।।
(कुरान मजीद पारा २५ सूरा जासिया रूकू ३ आयज २३)
ऐ पैगम्बर! भला देखो तो जिसने अपनी ख्वाहिशों को अपना पूजित ठहराया और इल्म होते हुए भी अल्लह ने उसें गुमराह कर दिया और उसके कानों पर और उसके दिल पर मुहर लगा दीं और उसकी आंखों पर पर्दा डाल दिया तो खुदा के (गुमराह किये) पीछे कौन उसको हिदायत दे? क्या तुम नहीं सोचते।
समीक्षा
अगर कोई आदमी अपनी पसन्द के अनुसार किसी की उपासना करे तो अरबी खुदा जल भुन कर उसके दिलो दिमाग पर मोहर कर देता है कि वह सही रास्ता न अपना सके। ऐसे बुरे खुदा को मानने वाले दया के पात्र हैं।