खुदा का दफ्तर भी है
खुदा का दफ्तर, मुहाफिजखाला, कचहरी किस स्थान पर है? पता लगाकर यह भी बतावें कि वह कहीं रूसी अमरीकी राकेटों से बिस्मार अर्थात् नष्ट तो नहीं हो गये?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
हाजा किताबुना यन्तिकु अलैकुम्…………।।
(कुरान मजीद पारा २५ सूरा जासिया रूकू ४ आयत २९)
यह हमारे दफ्तर की किताब है जो तुम्हारे काम ठीक-ठीक बतलाता है। जो कुछ तुम करते थे हम उनको लिखवाते जाते थे।
समीक्षा
खुदा के यहाँ दफ्तर भी हैं, उनमें क्लर्क रहते हैं, जो हिसाब किताब ठीक रखते हैं। शायद दफ्तरों (मुहाफिज खानों) की रक्षा के के लिए दरोगा सिपाही भी तैनात रहते होंगे। खुदा उनको सरकारी वर्दियाँ भी देता होगा। रक्षा के लिए ३०३ नं० की लम्बी मार की राइफल भी उनको दी जाती होगी। खुदा भी एक तहसीलदार साहब से किसी बात में कम नहीं था।