खुदा सच्चा है या धोखेबाज?
बतावें कि खुदा को सच्चा मानें या धोखेबाज मानें और कुरान में परस्पर विरूद्ध बातें क्यों लिखी हैं? क्या इससे कुरान की इज्जत में बट्टा नहीं लगता और वह अविश्वसनीय साबित नहीं हो जाता है?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
वल्लजी-न आमनू व……..।।
(कुरान मजीद पारा सूरा निसा रूकू २७आयत १२२)
…..और अल्लाह से बढ़कर बात का सच्चा कौन है?
इन्नल् मुनाफिकी-न युखादि………।।
(कुरान मजीद पारा ५ सूरा निसा रूकू २० आयत १४२)
काफिर खुदा को धोखा देते हैं हालांकि खुदा उन्हीं को धोखा दे रहा है।
समीक्षा
ऊपर दो आयतों में से एक में खुदा को ‘‘सच्चा’’ और दूसरी में उसें ‘‘धोखेबाज’’ बताया है। दोनों बातें एक दूसरे के खिलाफ हैं। खुदा का कौन सा गुण ठीक माना जावे?