खुदा के प्रगट होने पर पहाड़ चूर-चूर हो गया
क्या खुदा इतना भारी था कि उसके बोझ के मारे पहाड़ भी चूर-चूर हो गया था? या खुदा इतना पापी था कि उसके आते ही तबाही पैदा हो गई थी? खुदा के आने पर खुशहाली क्यों नहीं पैदा होती खुलासा करें?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
व लम्मा जा- अ मूसा लिमी……….।।
(कुरान मजीद पारा ८ सूरा आराफ रूकू १७ आयत १४३)
फिर जब उसका पालनकर्ता पहाड़ पर जाहिर हुआ तो उसको चकनाचूर कर दिया और हजरत मूसा मूर्छा खाकर गिर पड़े।
समीक्षा
खुदा के जाने पर पहाड़ पर हरियाली और सुन्दर दृश्य पैदा हो जाने चाहिये थे, रोशनी होनी चाहिये थी। भले आदमी जब आते हैं तो खुशियां चारों ओर पैदा हो जाती हैं। बदमाश जब आते हैं तो बुरे लक्षण पैदा होते हैं।
खुदा क्या कोई राक्षस था जो उसके आने पर तबाही पैदा गई? या खुदा बेहद भारी था जो पहाड़ उसके बोझ से टूट कर चकनाचूर हो गया?