खुदा जन्नत अर्थात् स्वर्ग में रहता है:
आचार्य डाँ. श्रीराम आर्य
खुदा जन्नत अर्थात् स्वर्ग में रहता है जब खुदा जन्नत में रहता है, तो जन्नत खुदा की अपेक्षा लम्बाई चैड़ाई में बड़ी साबित हो गई। अगर खुदा सावतें आसमान पर रहता है तो आसमान भी खुदा से बड़ा हो गया। जबकि खुदा से बड़ा दुनियां में कोई नहीं है यह बात गलत सिद्ध हो गई? खुदा सर्वव्यापक (हाजिर-नाजिर) भी नहीं रह गया। कुरान की यह आयत खुदा की महानता पर बट्टा लगाती है। देखिये कुरान में कहा गया है कि- इन्नल् मुत्तकी न फी……………..।। (कुरान मजीद पारा २७ सूरा कमर रूकू ३ आयत ५४) परहेजगार जन्नत के बागों में और नहरों में होंगे। फी मक्-आदि सिद्किन…………।। (कुरान मजीद पारा २७ सूरा कमर रूकूं ३ आयत ५५) सच्ची बैठक में बादशाह अर्थात् खुदा के पास जिसका सब पर कब्जा है, बैठेंगे। समीक्षा इससे प्रगट है कि अरबी इस्लाम का खुदा सारे विश्व में व्यापक नहीं है, बल्कि केवल जन्नत अर्थात् स्वर्ग में अपने मकान के अन्दर रहता है।