झूठी कसमें खाने का आदेश
झूठी कसमों पर खुदा सजा नहीं देगा इस घोषणा से खुदा मुसलमानों को दुनियाँ में अविश्वास योग्य घोषित करके इस्लाम की क्या बेहतरी की है? क्या कुरान ने उनको झूठी कसमें खाने का प्रोत्साहन नहीं दिया है?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
ला युआखिजकुमुल्लाह विल्लगवि………।।
(कुरान मजीद पारा २ सूरा बकर रूकू २८ आयत २२५)
तुम्हारी फिजूल की कसमों पर खुदा तुमको नहीं पकड़ेगा। लेकिन उनको पकड़ेगा जो तुम्हारे दिली इरादे हैं।
समीक्षा
जब झूठी कसमें खाना जुर्म नहीं और मुसलमान दूसरों को झूठी कसमें खाकर यदि धोखा देने लगें तो उनका कौन विश्वास करेगा?
यदि कोई शरीफ आदमी उन पर विश्वास कर बैठेगा तो निश्चय धोखा खाकर नुकसान उठाने वालों में होगा।
अरबी खुदा की क्या यह शिक्षा दुनियां में बेईमानी फैलाने में सहायक न होगी?