जमीन आसमान का एक पिण्ड था
पोला आकाश और ठोस जमीन का पिण्ड कैसे बन सका था साबित करें?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
अ-व-लम् य-रल्लजी-न क-फरू………..।।
(कुरान मजीद पारा १७ सूरा अम्बिया रूकू ३ आयत ३०)
क्या जो लोग इन्कार करने वाले हैं उन्होने नहीं देखा कि आसमान और जमीन और आसमान को अलग-अलग किया और पानी से तमाम जानदार चीजें बनाई तो क्या इस पर भी वे लोग ईमान नहीं लाते।
समीक्षा
क्या पोले आकाश और ठोस जमीन का पिण्ड भी बन सकता है? यह पढ़े लिखे लोग स्वयं सोच सकते हैं।
कुरानी खुदा ने उन दोनों को तोड़ कर जुदा-जुदा भी कर दिया, कैसी बुद्धि विरूद्ध बात है? भाइयों! आखिर इलहाम ही तो है, कोई न कोई तो विलक्षण बात उसमें होनी ही चाहिए।