इब्राहीम का नमाज पढ़ना (गलत है)
इतिहास से साबित करें कि सूरतें फातिहा (नमाज) इब्राहीम के जमाने में मुहम्मद से हजारों साल पेश्तर अर्थात् पहले भी मौजूद थी व इब्राहीम मुसलमान था? देखिये कुरान में कहा गया है कि-
व इज् का-ल इब्राहीमु रब्बिज्…………..।।
(कुरान मजीद पारा १३ सूरा इब्राहीम रूकू ६ आयत ३५)
……….और जब इब्राहीम ने दुआ की कि अय मेरे परवरदिगार!
रब्बिज-अल्नी मुकीमस्सलाति व……….।।
(कुरान मजीद पारा १३ सूरा इब्राहिम रूकू ६ आयत ४०)
ऐ मेरे परवर्दिगार! मुझको और मेरी सन्तान को ताकत दे कि मैं नमाज पढ़ता रहूँ और मेरे परवर्दिगार! मेरी दुआ कबूल कर।
समीक्षा
इब्राहीम यहूदी था जौ मौहम्मद से हजारों साल पहले हुआ था। नमाज सूरते फातिहा से पढ़ी जाती है जो कि कुरान की सर्व प्रथम सूरत है जो मुहम्मद के काल में कुरान बनते समय बनी थी देखो-
व ल-कद् आतेना-क सब्अम्मिनल्………।।
(कुरान मजीद पारा १४ सूरा हिज्र रूकू ५ आयत ८७)
अतः नमाज का प्रचलन इब्राहीम से नहीं हुआ था बल्कि मौहम्मद के काल से प्रारम्भ हुआ।