दोजख में आंतें गल जावेंगी
पेट के अन्दर के सभी हिस्से गल जाने पर भी इन्सान जिन्दा बना रहेगा यह साबित करके दिखावें वरना इसे गप्प क्यों न मानी जावे?
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
हाजानि खस्-मानिख्-त- समू………।।
(कुरान मजीद पारा १७ सूरा हज्ज रूकू २ आयत १९)
जो लोग खुदा को नही मानते उनके लिये आग के कपड़े हैं। उनके सिरों पर खोलता हुआ पानी डाला जायेगा।
युस्हरू बिहीमा फी बुतूनिहिम्…………।।
(कुरान मजीद पारा १७ सूरा हज्ज रूकू २ आयत २०)
जिससे जो कुछ उनके पेट में हैऔर खाले गल जायेंगी।
म-सलुल्- जन्नतिल्लती बुअिदल्…………..।।
(कुरान मजीद पारा २६ सूरा मुहम्मद रूकू २ आयत १५)
और उनको मारने-ठोकने के लिए लोहे के हथोड़े (इस्तेमाल) होंगे। उनको खोलता हुआ पानी पिलाया जायेगा, और वह उनकी आंतों के टुकड़े-टुकड़े कर डालेगा।
(कुरान मजीद पारा २६ सूरा मोहम्मद रूकू २ आयत १५)
समीक्षा
जब आग शरीर की खाल जल जावेगी, मांस भुन जावेगा तथा पेट के अन्दर के सभी हिस्से जिगर-तिल्ली गुर्दे आंतें गल कर मिट जावेंगे तो फिर इन्सान जिन्दा कैसे रहेगा?
नोट- जब वह मर जायेंगे तो पानी किसे पिलाया जायेगा? किन्हें लोहे के हथोड़े से ठोका जायेगा? क्या कोई ठिकाना है इस तरह की बातों को पेश करने का? क्या ऐसी बातें कोई खुदा कह सकता है? हर्गिज, हर्गिज नहीं। इन बातों के कहने से खुदा का ऐसा कौन सा रूतबा बढ़ता है? कुछ भी तो नहीं, हमारे मुसलमान भाईयों को ऐसी बे सिर पैर की बातों पर गम्भीरता से विचार करना चाहिये।
‘‘लाजपत राय अग्रवाल’’