अरबी में ही कुरान क्यों उतारा गया?
क्या इससे स्पष्ट नहीं है कि खुदा का उद्देश्य कुरान उतारने का केवल अरब वालों को डराना मात्र था?
यह दुनियाँ के लिये होता तो उसे मुल्क में वहीं की भाषा में बनाया गया होता ताकि सारी दुनियाँ के लोग उसे पढ़ व समझ सकते।
देखिये कुरान में कहा गया है कि-
इन्ना अन्जल्नाहु कुर-आनन्…………….।।
(कुरान मजीद पारा १२ सूरा यूसुफ रूकू १ आयत २)
हमने कुरान को अरबी भाषा में उतारा है ताकि तुम समझ सको।
समीक्षा
जब कि कुरान का उद्देश्य ही मक्का और उसके आसपास के लोगों को डराना था तो उसे अरबी में ही उतारना ठीक था ताकि वे उसे समझ सकें। पर यह नहीं बताया कि असली कुरान खुदा के पास किस भाषा में लिखा हुआ रखा है?
शायद वह संस्कृत में ही होगा क्योंकि प्राचीनतम् भाषा संस्कृत ही है। निम्न प्रमाण भी देखें।
अन् तकूलू इन्न्मा उन्जिलल्………..।।
(कुरान मजीद पारा ८ सूरा अन्आम रूकू २० आयत १५६)
ऐ मुशरिकीन अरब! हमने यह इसलिये उतारी है कि कहीं यह न कह बैठो कि हमसे पहले बस दो ही गिरोहों पर किताब उतरी थी और हम तो उसके पढ़ने पढ़ाने से बिल्कुल बेखबर थे।
इस प्रमाण से भी स्पष्ट है कि कुरान मक्का और उसके आसपास या मुशरिकीन अरब वालों को इस्लाम में फांसने के लिए खुदा के नाम से बनाया गया था ।
वास्तव में वह संसार के लिये नहीं बना था, न सभी को उसे मानना चाहिये।