क्या झाड़-फूँक करने वाले बाबाजी अथवा टोटके आदि करने वाले बाबाजी सब कोरा ढोंग मात्र हैं। तो फिर झाडू मारने से मिर्गी कैसे भाग गई?

ऐसा तो हो नहीं सकता। ऐसे किस्सों के हमने परीक्षण भी करवाए हैं। यहाँ ध्यान रखेंः-
स इसमें कुछ अंश मानसिक-रोग का होता है। वो झाड़फूँक से ठीक हो जाता है। क्योंकि झाड़फूँक भी एक मानसिक-चिकित्सा है।
स जो शारीरिक रोग है, वो शारीरिक चिकित्सा करवाने से ही ठीक होता है। इसलिए यह झाड़फूँक करवाने से अधिक लाभ नहीं है। उससे पाखण्ड को बढ़ावा भी मिलता है। इसलिए उसके चक्कर में नहीं आना।
स मानसिक रोग की ‘मानसिक-चिकित्सा’ही करें। और ‘मानसिक- चिकित्सा’ की सबसे बढ़िया प(ति ‘अष्टांग योग’ है। मन के विचारों को रोको, शु( चिंतन करो, ईश्वर, जीव, प्रकृति का विचार करो और करने योग्य कार्य को करो, न करने योग्य कार्य को मत करो, इस तरह से मानसिक-चिकित्सा होती है। यह सबसे उत्तम प(ति है।

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