रिबा
मुहम्मद ने रिबा भी हराम ठहराया, जिसमें सूदखोरी और ब्याज लेना दोनों शामिल हैं। उन्होंने ”ब्याज लेने वाले और देने वाले और उसे दर्ज करने वाले और दोनों (ओर के) गवाहों पर लानत भेजी“ और कहा “वे सब बराबर हैं“ (3881)।
यद्यपि मुहम्मद ने ब्याज लेना मना किया, तथापि उन्होंने अबू बकर को मदीना के कैनुका कबीले के पास इस पैगाम के साथ भेजा कि ”अल्लाह को अच्छे सूद पर कर्ज दो।“ वे कुरान (5/12) के उन शब्दों को दोहरा रहे थे जिनमें ”अल्लाह को समुचित कर्ज़ दो“ कहा गया है। यहूदियों ने देने से इन्कार किया तो उनके भाग्य का निबटारा हो गया।
author : ram swarup