हदीस : मुहम्मद की शादियां

मुहम्मद की शादियां

सफ़िय्या (3325-3329) और जैनब विनत जहश के साथ (3330-3331) पैगम्बर की शादियों में घटी कुछ घटनाओं का उल्लेख मिलता है।

 

रेहाना और जुवैरीया

सफीय्या अपवाद नहीं थी। दूसरी औरतें भी युद्ध में लूटे गए माल के रूप में इसी तरह लाई गयी थी और उनसे भी ऐसा ही व्यवहार किया गया था। उन औरतों में रेहाना और जुवैरीया भी शामिल थी। रेहाना, वनू कुरैजा की एक यहूदी लड़की थी। मदीना में किए गए नरमेध में उसके पति का सिर उसके कबीले के आठ-सौ अन्य मर्दों के सिरों के साथ बहुत ही बेदर्दी से काट दिया गया तो मुहम्मद ने रेहाना को अपनी रखैल बना लिया। इस नरमेध पर हम जिहाद की चर्चा करते समय आगे चलकर प्रकाश डालेंगे।

 

ऐसी अभागी लड़कियों में से ही एक अन्य थी जुबैरीया। यह बनू मुस्तलिक के मुखिया की बेटी थी। वह हिजरी सन के पांचवे या छठे साल में दो-सौ अन्य औरतों के साथ बंदी बना ली गयी थी। ”रसूल-अल्लाह ने वनू मुस्तलिक पर उस वक्त हमला किया, जब वे लोग बेखबर थे और जब उनके पशु पानी पी रहे थे। उनमें से जो लोग लड़े पैगम्बर ने मार डाला और दूसरों को कैद कर लिया। उसी दिन उन्होंने जुवैरीया बिन्त अल-हारिस को कब्जे में ले लिया“ (4292)।

 

लूट के बंटवारे में वह साबित इब्न कैश के हिस्से में आई। उसने उसकी छुड़ाई का मूल्य नौ औंस सोना रखा, जोकि उस लड़की के रिश्तेदार दे नहीं सकते थे। आयशा ने जब देखा कि वह खूबसूरत लड़की मुहम्मद के पास ले जायी जा रही है, तो उसकी प्रतिक्रिया इस प्रकार बयान की जाती है-”जैसे ही मैंने उसे अपने कमरे के दरवाजे पर देखा, मुझे उससे नफरत हो गयी, क्योंकि मैं जानती थी कि वे (मुहम्मद) उसे उसी तरह देखेंगे, जैसे मैने देखा।“ और दरअसल मुहम्मद ने जब जुवैरिया को देखा तो उन्होंने उसकी छुड़ाई का मूल्य चुकता कर दिया तथा उसे अपनी बीवी बना लिया। उन दिनों जुबैरिया लगभग बीस बरस की थी और वह पैगम्बर की सातवी बीवी बनीं। पूरी कहानी पैगम्बर के जीवनीकार इब्न इसहाक ने बयान की है।1

 

एक और यहूदी लड़की थी जैनब। उसने अपने पिता, पति और चाचा का कत्ल होते देखा था। उसे मुहम्मद के लिए खाना पकाने को कहा गया, तो उसने भुने हुए मेमने में जहर मिला दिया। मुहम्मद को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है और उन्होंने पहला ही निवाला उगल दिया। वे बच गये। और कई एक बयानों के मुताबिक जैनब को तुरन्त ही मार डाला गया (तवकात, जिल्द 2 किताब 2, पृ0 252-255)।

author : ram swarup

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *