हजामत: मुहम्मद के केश
कुरबानी के बाद तीर्थयात्रा का अनुष्ठान पूरा हो जाता है, और हाजी हजामत बनवा लेता है और नाखून कटवा लेता है तथा तीर्थयात्रा के वस्त्र उतार देता है। हजामत दाहिनी तरफ से शुरू की जानी चाहिए। अनम बतलाते हैं कि रसूल-अल्लाह ”जमरा गये और उन्होंने उस पर कंकड़ फैंके। उसके बाद वे मीना में अपने डेरे पर गये और जानवर की कुरबानी दी। फिर उन्होंने एक नाई को बुलवाया और पना दाहिना बाजू उसकी तरफ करके हजामत करने दी। उसके बाद बायां बाजू घुमाया। फिर उन्होंने वे बाल लोगों को दे दिये“ (2291)। वे बाल इस्लाम के लिए गरिमामय आराध्य बन गये।
तीर्थयात्रा पूरी हो चुकी है। फिर भी तीर्थयात्री को मक्का में तीन दिन और बिताने चाहिए ताकि अनुष्ठान के हड़बड़ी भरे चार दिनों के बाद वह आराम कर सके। मक्का छोड़ने के पहले उसे एक बार फिर काबा के सात चक्कर लगाने चाहिए और मीना के शैतानी खंभों पर सात बार पत्थर फैंकने चाहिए। घर लौटने के पहले मुहम्मद के मकबरे पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उसे मदीना जाना चाहिए।
author : ram swarup