अदीयमाना भर्तारं अधिगच्छेद्यदि स्वयम् । नैनः किं चिदवाप्नोति न च यं साधिगच्छति

बिना प्राणियों अर्थात् जड़ (ताश, पासा, कौड़ी, गोटी आदि) वस्तुओं के द्वारा बाजी लगाकर जो खेल खेला जाता है लोक में उसे ’द्यूत’ = जूआ कहा जाता है और जो चेतन प्राणियों (मूर्गा, तीतर, बटेर, घोड़ा आदि) के द्वारा बाजी लगाकर खेला जाता है (सः समाह्वय विज्ञेयः) उसे समाह्वय कहा जाता है ।

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