मद्यपासाधुवृत्ता च प्रतिकूला च या भवेत् । व्याधिता वाधिवेत्तव्या हिंस्रार्थघ्नी च सर्वदा ।

जिन भाईयों में से बड़ा या छोटा भाई अपने भाग से वंचित रह जाये, मर जाये अथवा अन्य किसी गृहत्याग आदि कारण से भाग न लेवे तो उसका भाग नष्ट नहीं होता अर्थात् उसके पुत्र, पत्नी आदि को प्राप्त होता है ।

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