स महीं अखिलां भुञ्जन्राजर्षिप्रवरः पुरा । वर्णानां संकरं चक्रे कामोपहतचेतनः । ।

(यत् तु अस्याः) और जो इसे (आसुरादिषु विवाहेषु दत्तं धनं स्यात्) ’आसुर’ आदि विवाहों मे दिया गया धन हों स्त्री के निःसन्तान मर जाने पर वह धन स्त्री के माता-पिता का हो जाता है ।

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