(ज्येष्ठः एक अधिकं हरेत्) बडा भाई दो भाग धन ग्रहण करे (तत्+अनुजः पुत्रः अध्यर्धम्) उससे छोटा भाई डेढ़ भाग ले (यवीयांस अंशम् + अंशम्) छोटे भाई का एक-एक भाग सम्पत्ति का ग्रहण करे (इति धर्मः व्यवस्थितः) यही धर्म की व्यवस्था है ।
(ज्येष्ठः एक अधिकं हरेत्) बडा भाई दो भाग धन ग्रहण करे (तत्+अनुजः पुत्रः अध्यर्धम्) उससे छोटा भाई डेढ़ भाग ले (यवीयांस अंशम् + अंशम्) छोटे भाई का एक-एक भाग सम्पत्ति का ग्रहण करे (इति धर्मः व्यवस्थितः) यही धर्म की व्यवस्था है ।