Adhyay : 9 Mantra : 320 Back to listings क्षत्रस्यातिप्रवृद्धस्य ब्राह्मणान्प्रति सर्वशः । ब्रह्मैव संनियन्तृ स्यात्क्षत्रं हि ब्रह्मसंभवम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related