Adhyay : 9 Mantra : 318 Back to listings श्मशानेष्वपि तेजस्वी पावको नैव दुष्यति । हूयमानश्च यज्ञेषु भूय एवाभिवर्धते Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related