Adhyay : 9 Mantra : 315 Back to listings लोकानन्यान्सृजेयुर्ये लोकपालांश्च कोपिताः । देवान्कुर्युरदेवांश्च कः क्षिण्वंस्तान्समृध्नुयात् । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related