Adhyay : 9 Mantra : 316 Back to listings यानुपाश्रित्य तिष्ठन्ति लोका देवाश्च सर्वदा । ब्रह्म चैव धनं येषां को हिंस्यात्ताञ् जिजीविषुः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related