Adhyay : 9 Mantra : 115 Back to listings उद्धारो न दशस्वस्ति संपन्नानां स्वकर्मसु । यत्किं चिदेव देयं तु ज्यायसे मानवर्धनम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related