Adhyay : 8 Mantra : 415 Back to listings ध्वजाहृतो भक्तदासो गृहजः क्रीतदत्त्रिमौ । पैत्रिको दण्डदासश्च सप्तैते दासयोनयः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related