Adhyay : 8 Mantra : 414 Back to listings न स्वामिना निसृष्टोऽपि शूद्रो दास्याद्विमुच्यते । निसर्गजं हि तत्तस्य कस्तस्मात्तदपोहति । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related