Adhyay : 8 Mantra : 390 Back to listings आश्रमेषु द्विजातीनां कार्ये विवदतां मिथः । न विब्रूयान्नृपो धर्मं चिकीर्षन्हितं आत्मनः Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related