Adhyay : 8 Mantra : 364 Back to listings योऽकामां दूषयेत्कन्यां स सद्यो वधं अर्हति । सकामां दूषयंस्तुल्यो न वधं प्राप्नुयान्नरः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related