अब्राह्मणः संग्रहणे प्राणान्तं दण्डं अर्हति । चतुर्णां अपि वर्णानां दारा रक्ष्यतमाः सदा

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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