सजा पाकर या (स्वयं प्रायश्चित्त करने के बाद) राजा के द्वारा क्षमा कर दिये जाने पर चोर चोरी के अपराध से मुक्त हो जाता है चोर को दण्ड न देने पर राजा को चोर की बुराई मिलती है अर्थात् फिर प्रजाएं उस चोर के स्थान पर राजा को अधिक दोष देती है ।
सजा पाकर या (स्वयं प्रायश्चित्त करने के बाद) राजा के द्वारा क्षमा कर दिये जाने पर चोर चोरी के अपराध से मुक्त हो जाता है चोर को दण्ड न देने पर राजा को चोर की बुराई मिलती है अर्थात् फिर प्रजाएं उस चोर के स्थान पर राजा को अधिक दोष देती है ।