भ्रूण हत्या करने वाला उसके यहां भोजन करने वाले को भी निन्दा का पात्र बना देता है अर्थात् जैसे भू्रणहत्यारे को बुराई मिलती है वैसे ही उसके यहां अन्न खाने वाले को भी उसके कारण बुराई मिलती है व्यभिचारी स्त्री की बुराई उसके पति को मिलती है बुरे शिष्य की बुराई उसके गुरू को मिलती है और यजमान की बुराई उसके यज्ञ कराने वाले ऋत्विक्गुरू को मिलती है इसी प्रकार दण्ड न देने पर चोर की बुराई राजा को मिलती है ।