Adhyay : 8 Mantra : 292 Back to listings छेदने चैव यन्त्राणां योक्त्ररश्म्योस्तथैव च । आक्रन्दे चाप्यपैहीति न दण्डं मनुरब्रवीत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related