येन केन चिदङ्गेन हिंस्याच्चेच्छ्रेष्ठं अन्त्यजः । छेत्तव्यं तद्तदेवास्य तन्मनोरनुशासनम् । ।

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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