Adhyay : 8 Mantra : 277 Back to listings विट्शूद्रयोरेवं एव स्वजातिं प्रति तत्त्वतः । छेदवर्जं प्रणयनं दण्डस्येति विनिश्चयः । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related