Adhyay : 8 Mantra : 276 Back to listings ब्राह्मणक्षत्रियाभ्यां तु दण्डः कार्यो विजानता । ब्राह्मणे साहसः पूर्वः क्षत्रिये त्वेव मध्यमः । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related