Adhyay : 8 Mantra : 256 Back to listings शिरोभिस्ते गृहीत्वोर्वीं स्रग्विणो रक्तवाससः । सुकृतैः शापिथाः स्वैः स्वैर्नयेयुस्ते समञ्जसम् Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related