ते पृष्टास्तु यथा ब्रूयुः समस्ताः सीम्नि निश्चयम् । निबध्नीयात्तथा सीमां सर्वांस्तांश्चैव नामतः

राजा के द्वारा पूछने पर अर्थात् जांच – पड़ताल करने पर सीमा – निश्चय के विषय में वे सब – साक्षी और गांव के उपस्थित कुलीन पुरूष जैसे एकमत होकर कहें – स्वीकार कर लें राजा उसी प्रकार सीमा को निर्धारित कर दे और उन उपस्थित सभी साक्षियों एवं पुरूषों के नामों को भी लिखकर रख ले (जिससे पुनः विवाद उपस्थित होने पर यह ज्ञात हो सके कि किन – किन लोगों के समक्ष या गवाही से यह निर्णय हुआ था) ।

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