लोकसंव्यवहारार्थं याः संज्ञाः प्रथिता भुवि । ताम्ररूप्यसुवर्णानां ताः प्रवक्ष्याम्यशेषतः

. अब मैं तांबा, रूप्य, सुवर्ण आदि की जो ‘पण’ आदि संज्ञाएं मोल लेना – देना आदि लोकव्यवहार के लिए जगत् में प्रसिद्ध हैं इन सबको पूर्णरूप से कहता हूँ ।

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