Adhyay : 8 Mantra : 112 Back to listings कामिनीषु विवाहेषु गवां भक्ष्ये तथेन्धने । ब्राह्मणाभ्युपपत्तौ च शपथे नास्ति पातकम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related