स विद्यादस्य कृत्येषु निर्गूढेङ्गितचेष्टितैः । आकारं इङ्गितं चेष्टां भृत्येषु च चिकीर्षितम्

. वह दूत शत्रु राजा के असंतुष्ट या विरोधी लोगों में और राजकर्मचारियों में गुप्त संकेतों एवं चेष्टाओं से उनके आकार – भाव संकेत – हाव चेष्टा को तथा उनके अभिलाषित कार्य को जाने ।

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