Adhyay : 7 Mantra : 135 Back to listings श्रुतवृत्ते विदित्वास्य वृत्तिं धर्म्यां प्रकल्पयेत् । संरक्षेत्सर्वतश्चैनं पिता पुत्रं इवाउरसम् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related