Adhyay : 7 Mantra : 10 Back to listings कार्यं सोऽवेक्ष्य शक्तिं च देशकालौ च तत्त्वतः । कुरुते धर्मसिद्ध्यर्थं विश्वरूपं पुनः पुनः । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related