Adhyay : 6 Mantra : 95 Back to listings संन्यस्य सर्वकर्माणि कर्मदोषानपानुदन् । नियतो वेदं अभ्यस्य पुत्रैश्वर्ये सुखं वसेत् । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related