कर्मों के दोष न होने वाली मनुष्यों की बुरी गतियों और कष्टों का भोगना तथा मृत्यु के समय होने वाली पीड़ाओं को विचारे और विचार कर मुक्ति के लिए प्रयत्न करे ।
कर्मों के दोष न होने वाली मनुष्यों की बुरी गतियों और कष्टों का भोगना तथा मृत्यु के समय होने वाली पीड़ाओं को विचारे और विचार कर मुक्ति के लिए प्रयत्न करे ।