Adhyay : 6 Mantra : 17 Back to listings अग्निपक्वाशनो वा स्यात्कालपक्वभुगेव वा । अश्मकुट्टो भवेद्वापि दन्तोलूखलिकोऽपि वा । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related