हल से जीती हुई भूमि में उत्पन्न पदाथो्रं को किसी के द्वारा दिये जाने पर भी और ग्राम में उत्पन्न किये गये मूल और फलों को भूख से पीडि़त होते हुए भी न खाये ।
हल से जीती हुई भूमि में उत्पन्न पदाथो्रं को किसी के द्वारा दिये जाने पर भी और ग्राम में उत्पन्न किये गये मूल और फलों को भूख से पीडि़त होते हुए भी न खाये ।