राज्ञो महात्मिके स्थाने सद्यःशौचं विधीयते । प्रजानां परिरक्षार्थं आसनं चात्र कारणम्

यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है .

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