Adhyay : 5 Mantra : 91 Back to listings आचार्यं स्वं उपाध्यायं पितरं मातरं गुरुम् । निर्हृत्य तु व्रती प्रेतान्न व्रतेन वियुज्यते । । Leave a comment यह प्रक्षिप्त श्लोक है और मनु स्मृति का भाग नहीं है . Related